मंगळवार, २३ ऑगस्ट, २०१६

ओ भगवन मेरे (2)

ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!
कब होगे दर्शन तेरे!!!
ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!!

तरस रहा हू कबसे!!
आशा लगाये मनसे!!
राह देख रहा हू तन, मन, धनसे!!!

ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!
कब होगे दर्शन तेरे!!!
ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!!

जिंदगी क्या भरोसा ?
आज हू, कल रहू न रहू!!
सिर्फ तुम्हारे चरणको छुहू!!
यही हैं एक अभिलाषा!!

ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!
कब होगे दर्शन तेरे!!!
ओ भगवन मेरे ऽऽऽ!!!

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